Tuesday, November 1, 2011

जीवन संगम

शाह या फकीर मरना दोनों को है..........

गुलेल की जिद है देखे, कहाँ तक पत्थर जाता है
उसे कौन समझाए घरों का शीशा बिखर जाता है

शाम ढले जब पंछी भी नीड़ों को लौटने लगते हैं
एक शख्स घर से निकल के जाने किधर जाता है

मेरी प्यास किसी निगाहें करम की मोहताज नहीं
इस फकीर का प्याला तो खुद से भी भर जाता है

यही मजबूरी तो है जिंदगी की सबसे बड़ी मजबूरी
शाह हो के फकीर आखिर में आदमी मर जाता है

उजाले के तलाशी पाँव के इन छालों से डर कैसा
दीपक से सूरज तक लपटों का रहगुज़र जाता है

ताज बने कि मशीने चले जीवन भूखों के रोते हैं
हाथ नहीं जाते आलम, इस दौर में हुनर जाता है

Tuesday, October 18, 2011

लम्हे दिल के ....

नमस्कार दोस्तों!
मित्रो फूलों की खुशबू को रूह में बसाकर, बहारों की रंगत से सपने सजाकर, जज़बात को समेटे अपने अंजुमन में, कुछ लम्हे दिल के सायद कुछ ऐसा ही बयाँ करते होंगे ......पढियेगा मस्ती के साथ और आप भी बयाँ करें इन लम्हों को ............

आँखों में आज कोई सपना उभरने लगा है
जहाँ भी जाये निगाहे , ख़ामोशी का आलम पसारने लगा ह ………..

बात उसके अलावा किसीसे करना अच्छा लगता नही
बात गर उससे न हो तो मनन भी कहीं लगता नही ……….


उसी की तस्वीर हमने इन निगाहों में बसा रखी ह
नज़रे उसकी राहों में ही अब हमने bicha राखी है………….

मिलने की तमन्ना अब दिन ब दिन बढ़ने लगी है
बेसब्री न जाने क्यों इस कदर मेरी अब बढ़ने लगी है ………….

दीदार जिस दिन हो जायेगा इन निगाहों को
एक मंजिल पाने का रास्ता मिल जायेगा इस ज़िन्दगी को …………..

तो मित्रो जियो इन मस्ती भरे लम्हों के साथ .........आपका दिन मंगलमय हो !!!!!
>>>>>>>>>>>>>>>>>>>राधे -राधे >>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>

फन से किसका रिश्ता है

नमस्कार दोस्तों
मित्रो आज भारत की स्थिति क्या हो गयी है..कहते है अगर किसी देश की शिक्षा और सुरक्षा दोनों सुव्यवस्थित और मौलिक होगी तो वह राष्ट्र स्वयं ही अग्रणी हो जायेगा इसका श्रेष्ठ उदाहरण विश्व में केवल एक देश ही हो सकता है और वो है जापान...दोस्तों भारत मैं शिक्षा व्यवसाय बन चुकी है...चिकित्सक चोर बन गए है..प्राथमिक सुरक्षा की जिम्मेदार हमारी पुलिस खुद आतंक फैला रही है..और भ्रष्टाचार के तो वारे ही न्यारे है... सोचिये दोस्तों यही हाल रहा तो क्या होगा हमारे सपनो का क्या होगा डॉ. कलाम के (mission2020 ) का ..मेरे सोचना है दोस्तों की खुद को बदलने की जरुरत है क्यों कि ये साड़ी व्यवस्था अपनी ही बनाई हुई है..चाहे वो पुलिस वाला हो या शिक्षक हो या चिकित्सक है तो हम में से ही कोई एक...तो दोस्तों परिवर्तन का समय अब आ गया है..और हम स्वयं में बदलाव के जरिये इस व्यवस्था को परिवर्तित कर सकते है....जैसा कि कहा गया है...."खुद बदलोगे जग बदलेगा ...खुद सुधरोगे जग सुधरेगा " मित्रो में आपसे अपनी कुछ पंक्तिया यहाँ share कर रहा हूँ " फन से किसका रिश्ता है " जो आप को सूचित कर रही है वर्तमान परिस्थितियों के बारे मैं ..........और हां कुछ सन्देश मिले तो जरुर सूचित करियेगा.......

कौन यहाँ अब पूछे फ़न को,आज कहाँ यह दिखता है
नाम बिके हैं महफ़िल-महफ़िल, फ़न से किस का रिश्ता है

जोंक बनें हैं आज चिकित्सक ,खून सभी का चूसे हैं
उनके दवाखानों में भी नित, मौत का तांडव होता है

खेल, खिलाड़ी, अभिनेता को, लोग बिठाते सर-माथे
वीर जवानों की कुर्बानी, मोल बहुत ही सस्ता है

चावल, गेहूँ, सब्जी, दालें, गायब हो गए थाली से
दाम गिरे मोबाइल, सिम के,पेट क्या इनसे भरता है

शांति, सुरक्षा, खुशहाली का राज तो अब इक सपना है
पाप पले अब थानों में आतंक पुलिस का रहता है.....

तो कुछ आभास तो हुआ होगा आपको कि ये वो सच है जो जुठ्लाये नहीं जा सकते और हम लोगो को इसे १ चुनोती के रूप में स्वीकार करना है...और करनी है स्वच्छ और सुंदर सामाजिक व्यवस्था कि स्थापना .............

"सुभ संध्या मित्रो !"
>>>>राधे राधे >>>>

Tuesday, September 27, 2011


शहीदों की चिताओ पर लगेंगे हर वर्ष मेले ....
वतन पे मिटने वालो को बाकि यही निशा होगा......
दोस्तों याद कीजये आज उस परम वीर भगत सिंह की सहादत को.........याद कीजये उस राष्ट्र भक्त के जज्बे को........जी हाँ दोस्तों आज २८ अक्टूबर भगत सिंह का जन्मदिन है..मित्रो मैं नमन करता हूँ उस महान विभूति को जिसने हँसते २ अपने देश देशवासियों के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे ..साथ ही आशा करता हूँ कि मेरे साथ साथ सारा देश उस परमवीर को नमन करें..........
आस्था कि अस्मिता कि शान वन्देमातरम !
भारत भू कि आन कि पहचान वन्देमातरम !!
जो मुदित मन सर हथेली पे लिए फांसी चढ़े !
उन शहीदों का अमर यशगान वन्दे मातरम !!!
"जय भारत जय भारती "

नवरात्री की हार्दिक शुबकामनाएं

नमस्कार मित्रो !
आज से नवरात्र प्रारंभ हो रहे है.....दोस्तों नवरात्र के पहले दिन माँ शेलपुत्री की आराधना की जाती है.....मार्कंडेय पूरण के अनुसार देवी का यह नाम हिमालय के यहाँ जन्म होने पर पड़ा है....माँ शेलपुत्री को अखंड शोभाग्य का प्रतीक भी मन जाता है..हमारे जीवन प्रबंधन में स्थिरता , द्रढ़ता एव आधार का महत्व सर्वप्रथम है अतः आज के दिन हमें इन तीनो की प्राप्ति के लिए माँ शेलपुत्री की आराधना करनी चाहिए....और महिलाओ के लिए शेलपुत्री की पूजा का विशेष महत्व है.....
तो दोस्तों आज करिए नवदुर्गा के प्रथम स्वरुप की पूजा ......
मित्रो मैं कृष्ण जोशी आपको एवं आपके परिवार को नवरात्री की हार्दिक शुबकामनाएं.प्रेषित करता हूँ...और प्राथना करता हूँ उस जगतजननी माँ जगदम्बा से कि वो आपकी जिन्दगी का प्रत्येक पल खुशियों से भर दे.......
"जय माता दी "
"राधे राधे "

Monday, September 5, 2011

मेरे गाँव की मिटटी

नमस्कार दोस्तों....... मित्रो जब अकेला होता हु तो याद आती है अपने गाँव की , अपने बचपन के दोस्तों की ....याद आती है अपने गाँव की मिटटी की ...जिसमे में खेला- कूदा और बड़ा हुआ उसी मिटटी के स्नेह भरे स्पर्श और खुसबू के साथ..... और आज आज मन किया अपने गाँव की मिटटी के बारे में कुछ कहने का ...तो दोस्तों यह है मेरे गाँव की मिटटी.........
रो दे तो पतझर आ जाये , हंस दे तो मधुरितु छा जाये '
झूमे तो नंदन झूम उठे, थिरके तो तांडव सरमाये ''
यो मदियालय के प्याले सी मिटटी की मोहक मस्ती क्या '
अधरों को चुकार सकुचाये , ठोकर लग जाये सहराए ''


आशा में निश्छल पल जाये,छलना में पारकर चल जाये'
सूरज दमके तो ताप जाये, रजनी ठुमके तो ढल जाये
यो तो बच्चो की गुरिया -सी भोली मिटटी की हस्ती क्या '
आंधी आये तो उर जाये, पानी बरसे तो गल जाये''

कोयल उड़ जाती है' पर उसका निस्वास अमर हो जाता है'
मिटटी गल जाती है पर उसका विश्वास अमर हो जाता है'


तो बताइए दोस्तों कैसी है मेरे गाँव की मिटटी.की खुसबू..............